Uttar Pradesh

सात साल से पुल का काम अधूरा, नाव पर लादकर गांव वाले ले जाते हैं बाइक, हर दिन हजारों के दिल निराश हैं

सुल्तानपुर में गोमती नदी पर बन रहा महावीरन पुल सात साल बाद भी अधूरा है. सेतु निगम की लापरवाही से 10 हजार लोग प्रभावित हैं. ग्रामीण नाव के सहारे नदी पार कर जान जोखिम में डालते हैं.

सुल्तानपुर में गांव वालों ने जब सुना कि गोमती नदी पर पुल का प्रस्ताव पास हो चुका है, तब सब काफी खुश हुए. लेकिन, 6 वर्ष बीत जाने के बाद भी आज गोमती नदी पर बन रहे पुल का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका. सेतु निगम की इस लापरवाही का खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है. इस पुल के न बनने से लगभग 10 हजार की आबादी प्रभावित है और उनको एक छोर से दूसरे छोर जाने के लिए 30 किलोमीटर की अधिक दूरी तय करनी पड़ रही है. निर्माणाधीन पुल के पास एक नाव है जिस पर लोग अपनी साइकिल और मोटरसाइकिल चढ़ाकर नदी पार करते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं ग्राउंड रिपोर्ट पर क्या है असली हकीकत.

सेतु निगम की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे ग्रामीण

सुल्तानपुर में सेतु निगम की लापरवाही का खामियाजा स्थानीय लोगों और राहगीरों को भुगतना पड़ रहा है. हाल ये है कि सात वर्ष पूर्व गोमती नदी महावीरन पुल सेंशन हुआ. अगले वर्ष निर्माण कार्य भी शुरू हो गया. 2022 में इसके निर्माण कार्य पूरा होने की मियाद रखी गई, लेकिन सात साल बाद भी इसका निर्माण कार्य आधा अधूरा है. ऐसे में जान जोखिम में डालकर राहगीर नाव से नदी पार कर रहे हैं. ऐसे कई बार शिकायतें भी हुईं, लेकिन आज तक निर्माण पूरा नहीं हो सका. इस मामले पर सेतु निगम के अधिकारी आन कैमरा कुछ भी बोलने से बच रहे हैं.

निर्माण कार्य शुरू होने के बाद भी काम अधूरा

इस वर्ष शुरू हुआ निर्माण कार्य स्थानीय निवासी संतबहादुर सिंह ने बताया कि सुल्तानपुर मुख्यालय से लगभग 60 किमी दूर कादीपुर विधानसभा में साल 2018 में गोदरा और सलाहपुर गांव के बीच बहने वाली गोमती नदी पर शासन द्वारा पुल निर्माण कार्य सेंशन किया गया. अगले वर्ष 2019 में निर्माण कार्य शुरू भी कर दिया गया. हम लोगों को लगा कि अब अच्छे दिन आने वाले हैं. लेकिन अभी तक स्कूल का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है. निर्माण कार्य शुरू होने के बाद भी काम अधूरा है, जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानी हो रही है. उन्हें नाव के सहारे नदी पार करना पड़ रहा है, जो जान जोखिम में डालकर करना पड़ रहा है. ऐसे में ग्रामीणों में आक्रोश है और उन्हें लगता है कि सेतु निगम की लापरवाही के कारण उनको काफी नुकसान हो रहा है.

ग्रामीणों को नाव के सहारे नदी पार करना पड़ रहा है

ग्रामीण उदयभान खरवार ने कहा कि जब यह पुल पास हुआ था तब मियाद बताई गई कि 2022 में गोमती नदी पर महावीरन पुल बनकर तैयार हो जाएगा. जिससे कादीपुर और लंभुआ विधानसभा के बीच आवागमन बेहद सुलभ जो जाएगा. हजारों लोगों को इसका लाभ मिलेगा. इसके साथ ही जिले के प्रसिद्ध धार्मिक पर्यटन स्थल बिजेथुआ महावीरन धाम आने जाने वालों को सहूलियत मिलेगी साथ ही अम्बेडकरनगर, शाहगंज आजमगढ़ और फैजाबाद के साथ साथ दूसरी ओर प्रतापगढ़ प्रयागराज जौनपुर वाराणसी की ओर आने जाने वालों को सहूलियत होगी. मगर, सेतु निगम की लापरवाही ऐसी की सात साल बीत गए और अब तक इसका निर्माण कार्य अधूरा है. ग्रामीणों को लगता है कि सेतु निगम की लापरवाही के कारण उनको काफी नुकसान हो रहा है और उन्हें नाव के सहारे नदी पार करना पड़ रहा है, जो जान जोखिम में डालकर करना पड़ रहा है. ऐसे में ग्रामीणों में आक्रोश है और उन्हें लगता है कि सेतु निगम की लापरवाही के कारण उनको काफी नुकसान हो रहा है.

नाव के सहारे पार कर रहे नदी

मोतीलाल यादव बताते हैं कि हम लोगों को एक नाव के सहारे नदी पार करना पड़ रहा है. व्यवसाय हो या बच्चियों को स्कूल जाना हो जान का खतरा हमेशा बना रहता है. ऐसे में जान जोखिम में डालकर लोग गोमती नदी पार कर रहे हैं. कई बार तो लोगों के साथ साथ उन की मोटरसाइकिल और सायकिलें भी नदी में गिरी और हादसे हुए. लोगों ने कई बार शिकायतें भी की, लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई. लिहाजा लोगों में काफी आक्रोश है.

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