शॉटपुट एक लोहे की भारी-भरकम गेंद फेंककर खेला जाने वाले मुश्किल स्पोर्ट्स है. शॉटपुट (गोला फेंक) ट्रैक और फील्ड का एक स्पोर्ट्स है. शॉटपुट (गोला फेंक) में एक भारी गेंद को सीधे फेंकने के स्थान पर हाथ से घुमाकर फिसलाया जाता है. शॉटपुट (गोला फेंक) में जिस भी खिलाड़ी द्वारा फेंकी गई गेंद अधिकतम दूरी पर जाकर गिरेगी उसे अधिकतम अंक प्राप्त होंगे. पुरुषों के लिए शॉटपुट साल 1896 से ही ओलिंपिक का हिस्सा है. वहीं, महिलाओं के लिए शॉटपुट को ओलिंपिक में 1948 में शामिल किया गया.
7 किलो की गेंद फेंकते हैं ये धाकड़ खिलाड़ी
शॉटपुट में पुरुषों के लिए गेंद का वजन 7.26 किलोग्राम होता है. शॉटपुट में महिलाओं के लिए गेंद का वजन चार किलोग्राम होता है. शॉटपुट में खिलाड़ी गेंद को गले के पास रखता है और फिर पूरी ताकत से एक ही हाथ की मदद से उसे रिलीज करता है. खिलाड़ी को गेंद के गिरने से पहले सर्कल से बाहर जाने की अनमुति नहीं होती है. गेंद के लैंडिंग एरिया से बाहर जाने पर या फिर खिलाड़ी का पैर सर्कल से बाहर जाने पर उस अटेंप्ट को माना नहीं जाता.
जरा सी लापरवाही कर देगी लहूलुहान
शॉटपुट में लोहे की भारी भरकम गेंद फेंकने के दौरान अगर जहा सी भी चूक हुई तो फिर एथलीट लहूलुहान भी हो सकता है. इसी वजह से शॉटपुट एक बहुत मुश्किल स्पोर्ट्स माना जाता है. शॉटपुट में तेजिंदरपाल सिंह भारत के लिए एशियन गेम्स 2018 और 2022 में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं.
कैसे बनती है शॉटपुट की गेंद?
शॉटपुट की गेंद को बनाने के लिए लोहा, कच्चा लोहा, ठोस इस्पात, स्टेनलेस स्टील और पीतल जैसी धातुओं का इस्तेमाल किया जाता है. इन सभी धातुओं को पिघलाकर एक गोल सांचे में डाला जाता है और खेल के नियमों के अनुसार शॉटपुट की गेंद को तैयार किया जाता है. एक 7.26 किलोग्राम शॉटपुट गेंद की अनुमानित कीमत 1400 रुपये तक बताई जाती है. शॉटपुट की गेंद का वजन और आकार भी खेल के नियमों के अनुसार तय किया जाता है.