प्रयागराज. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में ईडब्ल्यूएस यानि आर्थिक पिछड़ा वर्ग आरक्षण लागू करने की मांग में दाखिल याचिका को खारिज कर दिया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि भर्ती परीक्षा की प्रक्रिया ईडब्ल्यूएस आरक्षण उत्तर प्रदेश में लागू होने से पूर्व प्रारंभ हो चुकी थी. ऐसी स्थिति में सिर्फ ऑफिस मेमोरेंडम जारी होने के आधार पर राज्य सरकार आरक्षण लागू करने के लिए वैधानिक रूप से बाध्य नहीं है. यह आदेश जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी की सिंगल बेंच ने दिया है.

गौरतलब है कि 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में शामिल सामान्य वर्ग के आर्थिक पिछड़े दर्जनों अभ्यर्थियों ने याचिका दाखिल कर भर्ती प्रक्रिया में ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू करने की मांग की थी. याचिका में कहा गया कि संसद ने संविधान में 103 वें संशोधन द्वारा 12 जनवरी 2019 को आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है.यूपी सरकार ने इसे 18 फरवरी 2019 को ऑफिस मेमोरेंडम जारी कर लागू कर दिया.

2018 में प्रक्रिया शुरू हुई, परीक्षा 2019 में आयोजित की गई थी69000 सहायक अध्यापक भर्ती की प्रक्रिया 1 दिसंबर 2018 को शुरू हुई मगर शिक्षक भर्ती परीक्षा 2019 में आयोजित की गई ऑफिस मेमोरेंडम लागू होने के बाद और इसका परिणाम 12 मई 2020 को घोषित किया गया. याचियों ने आर्थिक पिछड़ा वर्ग का प्रमाण पत्र प्राप्त कर 10 प्रतिशत पदों पर आरक्षण लागू करने के लिए प्रस्तुत किया. लेकिन सरकार ने इसे सही नहीं माना . याचियों के अधिवक्ता का कहना था की भर्ती परीक्षा में ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू होना चाहिए क्योंकि परीक्षा और चयन प्रक्रिया संशोधन लागू हो जाने और ईडब्ल्यूएस प्रावधान को लेकर 18 फरवरी 2019 को लागू को जारी ऑफिस मेमोरेंडम के बाद की गई है. जबकि अदालत का कहना था कि यदि चयन प्रक्रिया 16 मई 2019 को सहायक अध्यापक भर्ती का शासनादेश जारी होने के साथ शुरू हो गई अर्थात 18 फरवरी 2019 को ऑफिस मेमोरेंडम आने के बाद तो क्या सरकार ईडब्ल्यूएस आरक्षण देने के लिए बाध्य है.

यूपी में ईडब्ल्यूएस आरक्षण एक्ट लागू नहीं हुआ थाकोर्ट ने कहा कि इस स्तर पर यूपी में ईडब्ल्यूएस आरक्षण एक्ट लागू नहीं हुआ था और इस प्रावधान को ऑफिस में मेमोरेंडम द्वारा लागू किया गया था. बाद में इसे एक्ट संख्या 10/ 2020 लागू करके यूपी में वैधानिक बना दिया गया. एक्ट संख्या 10 को 31 अगस्त 2020 से इस विशेष प्रावधान के साथ प्रभावी किया गया किया एक्ट उन मामलों में लागू नहीं होगा जहां एक्ट लागू होने से पहले भर्ती प्रक्रिया शुरू हो चुकी थी . और 69000 सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया 31 अगस्त 2020 से पहले शुरू हो चुकी थी.
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