What Is Grade 2 Fatty Liver: फैटी लिवर एक कॉमन हेल्थ प्रॉब्लम के रूप में उभर रही है. यह दो कारणों से शुरू हो सकता है, पहला शराब का ज्यादा सेवन और दूसरा ऑटो इम्यून या मेडिकल कंडीशन और अनहेल्दी खानपान के कारण. इन कारणों के आधार पर इसे नॉन-एल्कोहॉलिक और एल्कोहॉलिक फैटी लिवर कहा जाता है. इसे तीन ग्रेड में बांटा गया है- ग्रेड 1, 2 और 3. ग्रेड 1 में लिवर में बहुत ही 30 प्रतिशत से भी कम फैट जमा होता है. यह शुरुआती स्टेज होता है, जिसे आसानी से बिना दवा ठीक किया जा सकत है. वहीं, ग्रेड 2 फैटी लिवर डिजीज जिगर में फैट के 33-66 प्रतिशत तक बढ़ने की कंडीशन है. इसे मॉडरेट फैटी लिवर डिजीज भी कहते हैं.
इस स्टेज में फैटी लिवर के लक्षण अधिक गंभीर होने लगते हैं. इस कंडीशन में लिवर की कोशिकाओं के अंदर चर्बी जमा होने लगती है. जिसके कारण लिवर का साइज बढ़ने लगता है. इसके साथ ही लिवर के फंक्शनल यूनिट लोब्यूल्स में सूजन आने लगती है. हालांकि फैटी लिवर को हेल्थ एक्सपर्ट साइलेंट डिजीज के रूप में परिभाषित करते हैं, क्योंकि इसमें लक्षण तब तक साफ नजर नहीं आते हैं, जब तक बीमारी बड़ी न हो जाए. कई लोगों में इस स्टेज में भी संकेत नहीं दिखते हैं. इसके बावजूद फैटी लिवर के मरीज जो लक्षण महसूस करते हैं, उनमें ये 5 मुख्य रूप से शामिल हैं. जिन्हें आपको बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
फैटी लिवर ग्रेड 2 के लक्षण
बार-बार प्यास लगनाब्लोटिंगपेट में दर्द थकानभूख कम होना
ग्रेड 2 फैटी लिवर कितना खतरनाक?
ग्रेड 2 फैटी लिवर को इलाज के जरिए आसानी से रिवर्स किया जा सकता है. यह जानलेवा कंडीशन नहीं है. हालांकि इसे अनुपचारित छोड़ने पर इसके परिणाम सिरोसिस से लेकर कैंसर तक हो सकते हैं, जो कि घातक हैं.
ग्रेड 2 फैटी लिवर का इलाज
फैटी लिवर को ठीक करने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल, लो शुगर डाइट को मेंटेन रखना जरूर है. इसके साथ ही डाइट में हेल्दी फैट, दाल-बीन्स को शामिल करना फायदेमंद होता है. इसके अलावा डॉक्टर द्वारा दी गयी दवाओं का रोजाना सेवन, विटामिन ई सप्लीमेंट और रेगुलर चेकअप जरूरी है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.