लखनऊ में पुलिस ने शुक्रवार को एक सनसनीखेज गिरफ्तारी की, जिसने सभी को हैरान कर दिया. कामता बस स्टेशन से गिरफ्तार हुआ यह शख्स कोई आम ठग नहीं था, बल्कि खुद को ‘आईएएस अधिकारी’ बताकर पिछले छह सालों से करोड़ों की ठगी करने वाला डॉ. विवेक मिश्रा था।
पुलिस जांच में जो खुलासा हुआ, उसने अफसरों तक के होश उड़ा दिए. विवेक मिश्रा खुद को 2014 बैच का आईएएस अधिकारी बताता था और दावा करता था कि वह गुजरात सरकार में प्रधान सचिव के पद पर तैनात है. इतना ही नहीं, वह कहता था कि उसकी दोनों बहनें आईपीएस अधिकारी हैं. यह चालाकी इतनी गहरी थी कि उसने सोशल मीडिया और व्हाट्सएप पर कई फर्जी प्रोफाइल बना रखी थी. वह लोगों को सरकारी नौकरी, बड़े कॉन्ट्रैक्ट या शादी के झांसे में फंसा लेता था. उसकी बातें और आत्मविश्वास देखकर कोई भी उसे असली अफसर मान लेता.
पुलिस को अब तक की जांच में पता चला है कि यह फर्जी आईएएस 150 से ज्यादा लोगों से करीब 80 करोड़ रुपए की ठगी कर चुका है. कई साल तक फरार रहने के बाद लखनऊ पुलिस ने आखिरकार कामता बस स्टेशन से उसे धर दबोचा. अब पुलिस उसके बैंक खातों, मोबाइल डेटा और फर्जी प्रोफाइल्स की जांच कर रही है. बताया जा रहा है कि ठग ने कई मौकों पर असली आईएएस और आईपीएस अफसरों के नाम और तस्वीरों का गलत इस्तेमाल किया था।
मामले की जांच जारी है और लखनऊ पुलिस आरोपी के बैंक खातों की जांच कर रही है और उसके डिजिटल रिकॉर्ड को भी खंगाला जा रहा है.

