दुनिया भर में बढ़ती स्क्रीन टाइम और घटती फिजिकल एक्टिविटी के कारण मोटापा अब एक ग्लोबल महामारी का रूप ले चुका है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार मोटापा न केवल उच्च आय वाले देशों की समस्या है, बल्कि यह अब निम्न और मध्यम आय वाले देशों में भी तेजी से बढ़ रहा है. इस बीच, लैंसेट कमीशन की हालिया रिपोर्ट ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2030 तक दुनियाभर के करीब 50 करोड़ किशोर मोटापे या अधिक वजन के शिकार होंगे.
लैंसेट कमीशन ऑन एडलसेंट हेल्थ एंड वेलबीइंग द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि 2030 तक 464 मिलियन (46.4 करोड़) किशोर मोटापे या ओवरवेट की समस्या से जूझेंगे, जो कि 2015 के मुकाबले 143 मिलियन (14.3 करोड़) ज्यादा हैं. यह समस्या खासतौर पर उच्च आय वाले देशों, लैटिन अमेरिका, कैरेबियन, उत्तरी अफ्रीका और मध्य-पूर्व में तेजी से बढ़ रही है.
मोटापा गंभीर बीमारी है?मोटापा केवल शरीर का वजन बढ़ना नहीं है, ब्लकि यह एक मेडिकल कंडीशन है जो शरीर में ज्यादा फैट के जमा होने से होती है. इसका संबंध डायबिटीज टाइप 2, दिल की बीमारी, स्ट्रोक और कुछ प्रकार के कैंसर से होता है. बॉडी मास इंडेक्स (BMI) जब 30 या उससे ज्यादा हो जाता है, तो व्यक्ति को मोटापे की कैटेगरी में रखा जाता है.
मेंटल हेल्थ और जलवायु परिवर्तन की दोहरी माररिपोर्ट यह भी दर्शाती है कि किशोरों का मेंटल हेल्थ भी तेजी से गिर रहा है. इसके अलावा, यह पहली पीढ़ी है, जो अपने पूरे जीवनकाल में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को महसूस करेगी. गर्मी से होने वाली बीमारियां, पानी और खाने के संकट जैसी समस्याएं 1.9 अरब किशोरों को प्रभावित कर सकती हैं.
उपाय क्या हैं?मोटापे से लड़ने के लिए बैलेंस डाइट, नियमित व्यायाम और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना बेहद जरूरी है. फल, सब्जियां, साबुत अनाज और प्रोटीन रिच फूड का सेवन करें और शुगर ड्रिंक, जंक फूड से दूरी बनाएं.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.