ब्लैडर पेट के निचले हिस्से में मौजूद अंग है, जिसमें शरीर का कचरा पेशाब के रूप में जमा होता है. इसलिए इसे पेशाब की थैली भी कहा जाता है. आमतौर पर शरीर में पानी की कमी होने, असुरक्षित संबंध बनाने या हाइजीन की कमी के कारण इसमें इंफेक्शन या सूजन आम होता है.
ऐसे में कई बार लोग ब्लैडर कैंसर को पहचानने में गलती कर बैठते हैं. क्योंकि इनके लक्षण आपस में बहुत मेल खाते हैं. हालांकि ब्लैडर कैंसर का कोई सटीक कारण हमेशा नहीं होता है, लेकिन स्मोकिंग, केमिकल कॉन्टेक्ट, जेनेटिक म्यूटेशन इसके लिए आमतौर पर जिम्मेदार होते हैं.
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ब्लैडर कैंसर क्या होता है?
यह कैंसर अक्सर यूरोथेलियल कोशिकाओं में शुरू होता है जो आपके मूत्राशय के अंदर की परत बनाती हैं. यूरोथेलियल कोशिकाएं गुर्दे और गुर्दे को मूत्राशय से जोड़ने वाली नलियों में भी पाई जाती हैं. यूरोथेलियल कैंसर गुर्दे और पेशाब की नली में भी हो सकता है, लेकिन यह ब्लैडर में यह ज्यादा आम है. आमतौर पर इसे शुरुआती स्टेज पर पहचानना और इसका इलाज आसान है, लेकिन फिर भी रेगुलर चेकअप जरूरी होता है. क्योंकि इस कैंसर के लौटने की संभावना बहुत अधिक होती है.
ब्लैडर कैंसर के लक्षण
पेशाब में खून आनाबार-बार पेशाब आनायूरिन पास करने के दौरान दर्दपीठ में लगातार बना रहने वाला दर्द
कब जाएं डॉक्टर के पास
अगर आपको लगता है कि आपके पेशाब का रंग बदल गया है और उसमें खून हो सकता है, तो अपने डॉक्टर से मिलकर जांच करवाएं. इसके अलावा, अगर आपको कोई और लक्षण या संकेत दिखाई देते हैं जो आपको परेशान करते हैं, तो भी अपने डॉक्टर से मिलना जरूरी है.
कैसे करें बचाव
महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में ब्लैडर कैंसर ज्यादा कॉमन बीमारी है. इससे बचाव के लिए धूम्रपान से परहेज करें, केमिकल्स से बचें. इसके अलावा कलरफुल डाइट लें. हाई एंटीऑक्सीडेंट वाले फूड्स पेशाब के थैली में होने वाले कैंसर के रिस्क को कम करने में मददगार होते हैं.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.