450 million people are sure to become obese in the next 25 years If lifestyle is not changed Study | नहीं बदला लाइफस्टाइल, तो अगले 25 सालों में देश में 450 मिलियन लोगों का मोटा होना तय; स्टडी

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450 million people are sure to become obese in the next 25 years If lifestyle is not changed Study | नहीं बदला लाइफस्टाइल, तो अगले 25 सालों में देश में 450 मिलियन लोगों का मोटा होना तय; स्टडी



मोटापा सिर्फ चर्बी के कारण बॉडी साइज बढ़ना नहीं, या त्वचा का असामान्य रूप से फुल जाना है. यह एक सीरियस मेडिकल कंडीशन है, जो कई सारे क्रॉनिक और जानलेवा बीमारियों के जोखिम को बढ़ाने में योगदान देती है. इतना ही नहीं मोटापा से प्रजनन क्षमता पर भी नकारात्मक रूप से असर होता है. ध्यान रहे यह समस्या महिला और पुरुषों दोनों को बराबर रूप से प्रभावित करती है. 
हालांकि मोटापा जेनेटिक कारणों से भी होता है, लेकिन इसके सबसे ज्यादा मामले लाइफस्टाइल की अनहेल्दी आदतों जैसे बाहर का खाना, स्ट्रेस, फिजिकल एक्टिविटी न के बराबर होना, लेट सोना या कम सोने के कारण आते हैं. और इसमें कोई दोराय नहीं कि ज्यादातर लोग रोज इन गलतियों को दोहरा रहे हैं. इसे देखते हुए एक रिपोर्ट जारी की गयी है, जिसके अनुसार अगले 25 सालों में मोटे लोगों की संख्या तेजी से बढ़ने वाली है.
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भारत में होंगे 45 करोड़ मोटे लोग
द लैंसेट में मार्च 2025 में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, 2050 तक भारत में लगभग 45 करोड़ वयस्क मोटापे से ग्रस्त हो सकते हैं, यानी हर तीन में से एक व्यक्ति. यह आंकड़ा न केवल डराने वाला है बल्कि इस पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत भी दिखाता है.
बढ़ रहा कमर का साइज
हाल ही में भारत में किए गए एक स्वास्थ्य सर्वे में पहली बार लोगों की कमर का माप लिया गया. इसके नतीजे काफी चौंकाने वाले रहे. महिलाओं में अगर कमर 80 सेंटीमीटर से ज्यादा और पुरुषों में 90 सेंटीमीटर से ज्यादा है, तो इसे खतरे की घंटी माना जाता है. सर्वे में पाया गया कि 30 से 49 वर्ष की उम्र की लगभग आधी महिलाएं इस श्रेणी में आती हैं. यह दर्शाता है कि मोटापा अब सिर्फ वजन तक सीमित नहीं है, बल्कि शरीर के विशेष हिस्सों में जमा चर्बी भी स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकती है.
शहरों में ज्यादा खतरा
अध्ययन में यह भी सामने आया है कि शहरों में रहने वाले लोगों में मोटापे की समस्या अधिक है. खासकर पेट के आसपास चर्बी जमा होना ज्यादा देखने को मिल रहा है. इसका कारण शहरी जीवन शैली हो सकता है. गांवों की तुलना में शहरों में कमर और हिप्स के अनुपात में मोटापा ज्यादा देखा गया है.
स्वास्थ्य की जांच का तरीका- BMI
इस अध्ययन में मोटापा मापने के लिए बॉडी मास इंडेक्स (BMI) का उपयोग किया गया, जो व्यक्ति की लंबाई और वजन के आधार पर तय होता है. हालांकि, BMI एक आसान और सामान्य तरीका है, लेकिन यह पूरी तरह सटीक नहीं होता. इसलिए BMI के साथ अन्य बातों का भी ध्यान रखना जरूरी है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)



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