30kg weight loss in 24 hours guaranteed UP woman dies after surgery dangerous of obesity reduction operation | 24 घंटे में 30 kg वेट लॉस की गारंटी! सर्जरी के बाद यूपी की महिला की मौत, मोटापा का ऑपरेशन कितना खतरनाक?

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30kg weight loss in 24 hours guaranteed UP woman dies after surgery dangerous of obesity reduction operation | 24 घंटे में 30 kg वेट लॉस की गारंटी! सर्जरी के बाद यूपी की महिला की मौत, मोटापा का ऑपरेशन कितना खतरनाक?



मोटापा का सामना कर रही मेरठ की रहने वाली 55 साल की महिला की वेट लॉस सर्जरी के बाद मौत हो गयी. महिला ने एक प्राइवेट हॉस्पिटल में ऑपरेशन करवाया था, जहां उन्हें डॉक्टर ये विश्वास दिलाया था कि 24 घंटे में 30 किलो कम हो जाएगा. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सर्जरी के समय महिला का वजन लगभग 123 किलोग्राम था.
लेकिन सर्जरी गलत हो गई, जिससे पेट में रिसाव हो गया और इंफेक्शन के कारण महिला की मौत हो गयी. बेरियाट्रिक सर्जरी मोटापे से परेशान लोगों के लिए एक बड़ा विकल्प माना जाता है, लेकिन इसमें कई गंभीर जोखिम और जटिलताएं जुड़ी होती हैं. यदि आप भी मोटापे से एक बार में छुटकारा पाने के लिए सर्जरी के बारे में सोच रहे हैं, तो प्राइवेट डॉक्टरों के झांसे से बचने के लिए यहां इसके नुकसान और खतरे के बारे में जान लें.
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क्या है बेरियाट्रिक सर्जरी
वेट लॉस के लिए किए जाने वाले ऑपरेशन को बेरियाट्रिक सर्जरी कहा जाता है. ये सर्जरी उस समय किया जाता है, जब मोटापा जानलेवा हो और इसे डाइटिंग, एक्सरसाइज से कम न किया जा सके. यह सर्जरी सबके लिए नहीं है. इसके लिए मेडिकल गाइडलाइन में फिट आना जरूरी है. जैसे कि आपका बॉडी मास इंडेक्स 40 या इससे ज्यादा होना चाहिए. जिसका मतलब स्ट्रीम ओबेसिटी होता है.
सर्जरी और एनेस्थीसिया से जुड़े खतरे
इस सर्जरी में एनेस्थीसिया देना पड़ता है, जिससे एलर्जी, सांस लेने में दिक्कत जैसे साइड इफेक्ट हो सकते हैं. सर्जरी के दौरान अधिक खून बहने का भी खतरा रहता है, जिससे कभी-कभी दोबारा ऑपरेशन की जरूरत पड़ती है. इसके अलावा इंफेक्शन का भी खतरा होता है, खासकर सर्जरी वाली जगह, फेफड़ों और यूरिनरी ट्रैक्ट में.
पेट और आंतों से जुड़ी समस्याएं
सर्जरी में पेट और आंतों का आकार बदला जाता है, जिससे लीकेज हो सकता है. जिससे गंभीर इंफेक्शन हो सकता है. इसके अलावा कुछ मामलों में पेट की नली सिकुड़ जाती है, जिससे खाना निगलने में दिक्कत होती है, उल्टी और जी मिचलाने की शिकायत होती है.
खून के थक्के और फेफड़ों की दिक्कत
सर्जरी के बाद मरीजों में डीप वेन थ्रोम्बोसिस (DVT) यानी पैरों में खून के थक्के बनने का खतरा होता है. ये थक्के फेफड़ों तक पहुंचकर जानलेवा बन सकते हैं. लंबे समय तक बिस्तर पर लेटे रहने से यह जोखिम और बढ़ जाता है.
पोषण की कमी और डंपिंग सिंड्रोम
सर्जरी के बाद शरीर में जरूरी विटामिन्स और मिनरल्स जैसे आयरन, कैल्शियम, विटामिन B12 और D की कमी हो जाती है. इससे एनीमिया, थकान और हड्डियों की कमजोरी जैसी समस्याएं होती हैं. डंपिंग सिंड्रोम भी एक आम दिक्कत है, जिसमें खाना तेजी से छोटी आंत में पहुंच जाता है और मरीज को चक्कर, दस्त, पसीना और कमजोरी जैसी समस्याएं होती हैं.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.



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