ग्रेटर नोएडा में 50 देशों के एक्सपर्ट एकजुट, जानें फूड इंडस्ट्री की भविष्य की योजना
ग्रेटर नोएडा. फूड इंडस्ट्री ने पिछले 20-25 सालों में कैसी ग्रोथ की है और अगले 30 सालों में कहां तक पहुंचेगी, इस पर शोध करने के लिए 50 देशों से एक्सपर्ट ग्रेटर नोएडा में एकजुट हुए हैं. यहां 3 दिन तक इस पर काम होगा. ग्रेटर नोएडा के नाॅलेज पार्क स्थित इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में एफआई इंडिया के 19वें संस्करण और प्रोपैक इंडिया एक्सपो के 7वें संस्करण की शुरुआत बुधवार को हुई.
इसमें 50 से अधिक देशों से पहुंचे हैं और 15,000 से ज्यादा प्रोफेशनल्स, 340 से अधिक प्रदर्शक हिस्सा ले रहे हैं. तीन दिन तक यह एक्सपो यहां चलेगा. एक्सपो में खाद्य सामग्री, प्रसंस्करण, पैकेजिंग और सप्लाई चेन से जुड़े वैश्विक और भारतीय स्टेकहोल्डर एक मंच पर आकर भविष्य की खाद्य प्रणाली को लेकर संवाद कर रहे हैं. इन्फॉर्मा मार्केट्स के एमडी योगेश मुद्रास ने कहा कि भारतीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग एक बड़े परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है. कस्टमर की बदलती जरूरत, स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती जागरूकता और जैविक विकल्पों की मांग से यह उद्योग तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है.
भारत का खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र विनिर्माण उत्पादन का 7.7 फीसद है. इसमें 70 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलता है. आयोजन से खाद्य उद्योग में नए निवेश, साझेदारियों और उच्च मूल्य की सोर्सिंग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. डॉ. प्रबोध हल्दे ने कहा कि भारत का फूड इंग्रीडिएंट मार्केट लगभग 8-9 बिलियन डॉलर का है. यह लगातार बढ़ रहा है. आयुर्वेद, ऑर्गेनिक और हर्बल उत्पादों का योगदान इसमें सबसे ज्यादा है. बासमती, अचार और हल्दी जैसे उत्पादों की वैश्विक मांग तेजी से बढ़ रही है.
चीन को टक्कर
एमडी सुमन प्रोजेक्ट कंसल्टेंट्स सागर कुराडे ने कहा कि भारत अब वैश्विक खाद्य घटक और पैकेजिंग केंद्र बनने की ओर अग्रसर है. किफायती श्रम, आधुनिक तकनीक और मजबूत उत्पादन आधार के कारण भारत इस क्षेत्र में चीन को भी टक्कर दे सकता है.