कानपुर में बड़ा ही अजीब-गजब मामला सामने आया है. यहां तीन नाबालिग छात्राएं घर से निकलीं और स्कूल जाने के लिए सेंट्रल स्टेशन पर पहुंच गईं, जहां उन्होंने अपने कपड़ों को बदलकर एक ट्रेन पकड़ ली और लखनऊ चले गए.
इन तीन छात्राओं में से दो कक्षा सात और एक कक्षा छह की छात्रा है. यह सभी गुरुवार सुबह घर से निकलीं थीं, लेकिन स्कूल नहीं पहुंचीं. जब परिजनों को इस बारे में पता चला तो हड़कंप मच गया. आनन-फानन में पुलिस को सूचना दी. आखिरकार देर रात बच्चियों को सकुशल बरामद किया गया. जब इनसे पूछताछ की तो वैष्णो देवी वाला राज खुला.
डीसीपी साउथ दीपेंद्र नाथ चौधरी ने बताया कि जूही इलाके में रहने वाली महिला ने सूचना दी थी कि कक्षा छह में पढ़ने वाली 12 साल की बेटी लापता है. उसके साथ हमउम्र दो अन्य छात्राएं भी हैं. यह सभी एक ही स्कूल की छात्राएं हैं. जैसे ही बच्चियों के लापता होने की शिकायत मिली तो जांच पड़ताल शुरू कर दी. जांच करने पर पता चला कि सुबह घर से निकलने के बाद तीनों छात्राएं सेंट्रल स्टेशन गई थीं. जहां पहचान छिपाने के लिए यूनीफार्म के ऊपर जैकेट पहन लिया था. उन्होंने बताया कि स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज के चेक करने पर सामने आया कि तीनों छात्राएं 8:32 बजे एक साथ स्टेशन पर थीं. जहां से यह तीनों गोरखपुर–पुणे ट्रेन पकड़कर लखनऊ गईं हैं. इनमें से दो छात्राएं अपने साथ परिजनों के मोबाइल भी ले गईं हैं. लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर सुबह 11:15 बजे पर तीनों एक साथ स्टेशन के बाहर गईं और कुछ ही देर में लौट कर वापस स्टेशन के अंदर आ गईं.
स्कूल में जब पुलिस टीम ने संपर्क किया तो वहां एक शिक्षिका ने बताया कि दो तीन दिन पहले ये छात्राएं एक साथ खड़ीं थीं. वह जम्मू घूमने जाने की बात कर रहीं थीं. उन्होंने बातचीत सुनी तो लगा कि छात्राएं परिजनों के साथ जाएंगी. हालांकि बाद में गुमशुदगी की जानकारी मिलने पर उस बात की गंभीरता समझ में आईं. छात्राओं को सकुशल घर वापसी कराने के लिए किदवई नगर पुलिस टीम लखनऊ रवाना हुई और देर रात छात्राओं को बरामद किया गया.


 
                 
                 
                