फैटी लिवर को हेपेटिक स्टीटोसिस के नाम से भी जाना जाता है. इस कंडीशन में लिवर के कुल वजन में फैट की मात्रा 5 प्रतिशत से अधिक बढ़ जाती है. उपाय न किए जाने पर यह फैट धीरे-धीरे बढ़कर घाव सिरोसिस में बदलने लगता है, जो कि एक जानलेवा मेडिकल कंडीशन है. इसमें ट्रांसप्लांट करने की जरूरत भी पड़ सकती है. गंभीर मामलों में फैटी लिवर, कैंसर भी बन सकता है.
फैटी लिवर की समस्या सबसे ज्यादा डायबिटीज, मोटापे से ग्रस्त और शराब का ज्यादा सेवन करने वाले लोगों में होती है. इसकी गंभीरता के आधार पर इसे तीन ग्रेड में बांटा गया है. ग्रेड 1 और ग्रेड 2 में फैटी लिवर को रिवर्स करना आसान है. ज्यादातर मामलों इसके लिए लाइफस्टाइल में बदलाव करना ही काफी होता है. जबकि ग्रेड 3 में फैटी लगभग पूरी तरह से सड़ाने लगता है. ऐसे में फैटी लिवर का जल्द से जल्द की पहचान जरूरी है.
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कैसे करें फैटी लिवर की पहचानशुरुआती स्टेज में फैटी लिवर के कोई भी ठोस संकेत नहीं मिलते हैं. लेकिन यदि आप एक अनहेल्दी लाइफस्टाइल यानी कि जंक फूड्स, शराब, बहुत ज्यादा बाहर का खाना खा रहे हैं, और फिजिकल एक्टिविटी न के बराबर है, तो इन लक्षणों को अनदेखा न करें-पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में भारीपनहर समय थकानजी मिचलानाभूख में कमीअचानक वेट लॉसपीलियापेट का फूलनापैरों, पंजों और हाथों में सूजनब्लीडिंग
फैटी लिवर को कैसे रिवर्स करें- करें ये उपाय
– एक्स्ट्रा शुगर, विशेष रूप से फ्रुक्टोज लिवर में फैट को बढ़ाता है. ऐसे में जिगर को हेल्दी रखने के लिए शुगर वाले ड्रिंक्स, मिठाई और डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों से परहेज करें
– जैतून का तेल, एवोकाडो और नट्स जैसे हेल्दी फैट्स का सेवन करें, वे सूजन को कम करते हैं और लिवर को रिन्यू करते हैं.
– रोजाना 30 मिनट फिजिकल एक्टिविटी करें, फिर वो चाहे चलाना हो, तैरना हो, या वेट लिफ्टिंग हो. इससे लिवर फैट कम होता है.
– साबुत अनाज, फल, सब्जियां और फलियां का सेवन बढ़ाएं. यह आपके शरीर को नेचुरल रूप से डिटॉक्स करने में मदद करती हैं और लिवर के फंक्शन को सपोर्ट करती है.
– 3 महीने में धीरे-धीरे वजन घटाने (शरीर के वजन का 5-10%) लिवर की चर्बी को काफी कम कर सकता है. लेकिन इसके लिए क्रैश आहार से बचें.
– यहां तक कि थोड़ी मात्रा में अल्कोहल भी फैटी लिवर को खराब कर देता है। उपचार की अनुमति देने के लिए 3 महीने के लिए शराब मुक्त रहें।
– दिन में 8-10 गिलास पानी जरूरी पिएं. इससे लिवर समेत बॉडी से टॉक्सिन बाहर निकलता है और पाचन में सुधार होता है.
– ये ट्रांस वसा और सोडियम में उच्च होते हैं, जो लिवर पर बोझ डालते हैं. ऐसे में घर का बना, कम तेल वाला भोजन खाएं.
– हल्दी, लहसुन, हरी चाय, पत्तेदार साग और चुकंदर खाएं, जो लीवर डिटॉक्स और पुनर्जनन में सहायता के लिए जाने जाते हैं.
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Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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