Uttar Pradesh

250 साल पुराने इस पेड़ से जुड़ा है दशहरी आम का इतिहास…बिक्री नहीं होते इसके आम – The history of dussehri mango is related to this 250 year old tree read full news to know



ऋषभ चौरसिया/लखनऊ : आम का सीजन चल रहा है और आम का लुफ्त यकीनन हर कोई उठा रहा है. भारत में कई प्रकार के आम पाए जाते हैं, उसमें से एक दशहरी आम है जो अपने स्वाद के लिए काफी मशहूर है. दशहरी आम जिसकी शुरुआत लखनऊ के कुछ दूरी पर स्थित काकोरी से थोड़ी दूरी पर एक गांव है, जिसका नाम दशहरी है. यहां के 250 साल पुराने एक पेड़ से ही दशहरी आम की शुरुआत हुई थी. यह आम अपने मधुर स्वाद के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है.

पेड़ की देखभाल करने वाले राम शंकर यादव ने बताया कि एक बार आम को खाने के बाद उसकी गुठली इसी स्थान में डाल दी गई थी. जब यह पेड़ का रूप लेने लगा और बड़ा हुआ फल देने लगा, तो इसे दशहरी आम के नाम से जाना जाने लगा. इसी घटना के कारण दशहरी आम की खेती इस गांव में शुरू हुई और इसकी बगिया मलिहाबाद तक फैल गई.

आम को बेचा नहीं जाता, बांट दिया जाता

रामशंकर बताते हैं कि पेड़ के आम को बाजार में बेचा नहीं जाता है. यह आम अपने आप गिरता है और तो किसी को दिया जाता है. अगर कोई इसे तोड़ता है, तो उस पर जुर्माना लगाया जाता है. दशहरी आम की यह अनोखी कहानी और इसकी महत्वपूर्णता लोगों को उसके स्वाद को समझने के लिए प्रेरित कर रही है, इसका स्वाद इतना मधुर है कि लोग इसे बेहद पसंद कर रहे हैं. इसकी खेती और उत्पादन ने दशहरी गांव को एक मशहूर और प्रसिद्ध स्थान बना दिया है.

ऐसे पहुंचे दशहरी गांव

अगर आप भी इस ऐतिहासिक दशहरी आम के पेड़ को देखना चाहते है तो आप को आना होगा दशहरी गांव. आप चारबाग रेलवे स्टेशन से ऑटो कैब द्वारा आसानी से पहुंच सकते है.
.Tags: Local18, Lucknow news, UP newsFIRST PUBLISHED : July 24, 2023, 22:56 IST



Source link

You Missed

Four passengers killed after being hit by train while crossing tracks in UP's Mirzapur
Top StoriesNov 5, 2025

उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर में रेलवे ट्रैक पार करते समय चार यात्रियों को ट्रेन से टकराने से मौत हो गई

चार यात्रियों की मौत हुई है बुधवार को उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर जिले के चुनार रेलवे स्टेशन पर…

Scroll to Top