कोविड-19 के वैक्सीनेशन के बाद लोगों में इसके साइड इफेक्ट्स को लेकर कई तरह की चिंताएं हैं. ऐसे में कर्नाटक के हसन जिले में बीते 40 दिनों में 23 युवाओं की दिल के दौरे से हुई मौतों ने इसे और भी पुख्ता कर दिया है. युवाओं में एक के बाद एक हार्ट अटैक कोई मामूली बात नहीं है. क्योंकि यह कंडीशन आमतौर पर बुजुर्गों में होती है.
तो क्या सच में कोविड-19 के वैक्सीन के कारण खून गाढ़ा होने की समस्या हो रही है? क्या टीकाकरण करवाने वाले लोगों में स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा दूसरों के मुकाबले ज्यादा है? पिछले दिनों स्वास्थ्य मंत्रालय और देश के प्रमुख संस्थानों ICMR, AIIMS और NCDC ने इन आशंकाओं पर क्या कहा चलिए समझते हैं-
ICMR और AIIMS की रिपोर्ट
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, ICMR और AIIMS ने देशभर में हुई अचानक मौतों की गहराई से जांच की है. इन अध्ययनों में साफ किया गया है कि COVID-19 वैक्सीन और दिल के दौरे के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है. 250 मामलों के विश्लेषण में पाया गया कि वैक्सीन इसकी वजह नहीं थी. इसके विपरीत, COVID-19 संक्रमण से दिल पर असर पड़ने का खतरा कहीं अधिक होता है.
कोविड-19 और हार्ट हेल्थ
कोविड -19 का इंफेक्शन के कारण हार्ट कमजोर होता है, जिसके कारण अटैक और स्ट्रोक का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है. वैक्सीन इसके साइड इफेक्ट को कम करने में अहम भूमिका अदा करता है. ऐसे में यदि आपको कोविड-19 का इंफेक्शन हुआ है तो हार्ट डिजीज का खतरा ज्यादा है, भले ही आपने वैक्सीन लगाया हो या नहीं.
जीवनशैली बन रही है हार्ट डिजीज का कारण
डॉ. बसवराज उतगी (फोर्टिस अस्पताल) और डॉ. राहुल गुप्ता (ग्लेनीगल्स अस्पताल) ने इंडियाटाइम्स को बताया कि युवाओं में दिल की बीमारियों की बढ़ती घटनाओं की असली वजह खराब जीवनशैली है. अत्यधिक तनाव, अनहेल्दी भोजन, शारीरिक एक्टिविटी में कमी, धूम्रपान और प्रदूषण से दिल की धमनियों में प्लाक जमने लगता है, जिससे दिल के दौरे की आशंका बढ़ जाती है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.