वाराणसी. काशी में श्रद्धालु गोंडोला यानी रोपवे से कैंट रेलवे स्टेशन से सीधे बाबा विश्वनाथ धाम और गंगा के क़रीब पहुचेंगे. पूर्वी भारत के गेटवे के रूप में विकसित हो रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के विकास में एक नया अध्याय जुड़ने वाला है. योगी सरकार की ओर से कैंट स्टेशन से गोदौलिया के बीच इस परियोजना को हरी झंडी मिलने के बाद अब नए तरीके से धरातल पर उतारने की कवायद शुरू हो गई है. गोंडोला में 228 केबिन होंगे. एक केबिन में 10 लोग सवार होकर 17 मिनट में कैंट से गोदौलिया तक की दूरी तय कर लेंगे. नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट कंपनी द्वारा परियोजना के एलाइनमेंट का विस्तृत अध्ययन कर पुनः फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार किया है.
नेशनल हाईवे, रिंग रोड, फ्लाईओवर, आरओबी के बाद वाराणसी के भीड़-भाड़ वाले इलाके में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए गोंडोला यानी रोपवे चलेगी. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार वाराणसी शहर मे परिवहन को सुगम बनाने के लिए कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया तक पायलट प्रोजेक्ट के तहत गोंडोला चलाएगी. काशी के पुराने इलाकों की सड़के सकरी होने और ट्रैफ़िक का दबाव अधिक होने से जाम की स्थिति बनी रहती है. जिससे देशी विदेशी पर्यटकों के अलावा स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.
17 मिनट में तय होगी दूरीवाराणसी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष ईशा दुहन ने बताया कि नए प्रस्ताव में 5 स्टेशन प्रस्तावित किए गए हैं जिसमें पहला स्टेशन कैंट स्टेशन, उसके बाद विद्यापीठ स्टेशन, रथयात्रा स्टेशन, गिरजा घर क्रॉसिंग, जो कि टर्निंग स्टेशन होगा तथा अंतिम स्टेशन गोदौलिया चौक पर प्रस्तावित किया गया है. कैंट रेलवे स्टेशन या रोडवेज पर आने वाले यात्री गोंडोला से श्री काशी विश्वनाथ धाम, दशाश्वमेध घाट और गोदौलिया बाज़ार के करीब 3.750 किलोमीटर की दूरी 6.5 मीटर प्रति सेकंड की रफ़्तार से महज़ 17 मिनट में तय करेंगे.
यात्रियों के लिए गोंडोला की सेवा 16 घंटे उपलब्ध रहेगीयात्रियों के लिए गोंडोला की सेवा 16 घंटे उपलब्ध रहेगी. गोंडोला में 228 केबिन होंगे. एक केबिन में 10 लोग सवार हो सकेंगे. गोंडोला से सफर करने वाला यात्री को वायु और ध्वनि प्रदुषण से राहत मिलेगी. गोंडोला स्टेशन और ट्राली पर वाराणसी की कला, धर्म और संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी. स्टेशन पर एस्केलेटर का भी प्रावधान है. कैंट रेलवे स्टेशन और गोदौलिया चौराहे पर टर्मिनल स्टेशन बनेगा. इस परियोजना की लागत करीब 461.1 9 रुपये है.
टेंडर की आखिरी डेट 30 जूनवीडीए उपाध्यक्ष ईशा दुहन ने बताया कि नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट कंपनी लि जो कि एनएचएआई के पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है, को परियोजना को क्रियान्वयन करने हेतु नामित किया गया है. एनएचएलएमएल द्वारा परियोजना के एलाइनमेंट का विस्तृत अध्ययन कर पुनः फीजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार कर निविदा आमंत्रित कर दी गई है. उक्त टेंडर एनएचएआई द्वारा हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल (एचएएम) पर है. निविदा की अंतिम तिथि दिनांक 30 जून 2022 निर्धारित की गई है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: UP latest news, Varanasi newsFIRST PUBLISHED : May 20, 2022, 14:41 IST
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