उत्तर प्रदेश के चुनार से चोपन रेल रूट का दोहरीकरण होगा, जिससे माल ढुलाई की गति में वृद्धि होगी. यह परियोजना 2027 तक पूरी होने की उम्मीद है. रेलवे ने इस परियोजना को शुरू कर दिया है, जिससे कोयले की ढुलाई की गति में वृद्धि होगी.
चुनार से चोपन रेल रूट करीब 123 किलोमीटर का है, जो एकल मार्ग है. इस रूट पर काफी परेशानी होती है, खासकर झारखंड से कोयला इन रूटों से होकर अलग-अलग थर्मल पॉवर प्लांट तक जाता है. रेलवे ने इस रूट के दोहरीकरण की योजना बनाई है, जिससे माल ढुलाई की गति में वृद्धि होगी.
इस परियोजना में 1553 करोड़ रुपये खर्च होंगे. एकल मार्ग के विद्युतीकरण के बाद दूसरी पटरी के बिछाने का काम किया जा रहा है. 2027 तक यह काम पूरा हो जाएगा, जिसके बाद अप और डाउन दोनों मार्गों से रेलगाडियों का संचालन हो सकेगा.
इस परियोजना के तहत जमीन अधिग्रहित करने के बाद समतलीकरण का काम जारी है. जमीनों को बराबर किया जा रहा है. समतल करने के साथ ही छोटे व बड़े दर्जनों पुलिया का निर्माण हो रहा है. वहीं, सोन नदी पर बड़े पुल का निर्माण हो रहा है. इसके साथ ही पहाड़ी इलाका होने की वजह से कई जगहों पर पहाड़ की कटाई भी हो रही है. छत्तीसगढ़ की जेएनएल कंपनी को रेल रूट की जिम्मेदारी मिली है, जो तेजी के साथ काम कर रही है.
चुनार-चोपन रेल रूट पर अभीतक करीब 40 मालगाड़ी व 4 यात्री ट्रेनों का संचालन होता है. एकल मार्ग होने की वजह से कम ट्रेनों का संचालन हो पाता है. इसको गति देने के लिए दोहरी लाइन का निर्माण हो रहा है. नए रेलवे लाइन बनने के बाद मालगाड़ी का संचालन दोगुनी होगी, जिससे कोयले व अन्य माल ढुलाई को गति मिलेगी. वहीं, यात्री ट्रेनों की संख्या में भी बढ़ोतरी होगी. इससे रेलवे के साथ ही आम जनमानस को फायदा होगा. वर्तमान में टनकपुर त्रिवेणी एक्सप्रेस व शक्तिनगर-प्रयागराज पैसेंजर ट्रेन का ही संचालन होता है.

