Last Updated:July 17, 2025, 10:20 ISTसुल्तानपुर शहर के बीचों-बीच स्थित है एक प्राचीन शिव मंदिर, जिसे सिद्धेश्वर नाथ मंदिर के नाम से जाना जाता है. मान्यता है कि यहां जो भी श्रद्धालु दर्शन कर जल अर्पित करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. यह मंदिर रामलीला मैदान में स्थित है और श्रद्धा का प्रमुख केंद्र माना जाता है.
स्थानीय लोगों के मुताबिक, यह मंदिर करीब 150 वर्ष पुराना है. यहां स्थापित शिवलिंग सफेद रंग का है, और मान्यता है कि यह शिवलिंग स्वयंभू है. बाबा सिद्धेश्वर नाथ मंदिर को एक सिद्धपीठ माना जाता है, जहां केवल सुल्तानपुर ही नहीं, बल्कि आसपास के जिलों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन और जलाभिषेक के लिए आते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं बाबा सिद्धेश्वर नाथ मंदिर का इतिहास और इससे जुड़ी आस्था की कथा. वरिष्ठ पत्रकार राजदेव शुक्ला बताते हैं कि बाबा सिद्धेश्वर नाथ धाम का मंदिर न केवल सैकड़ों वर्ष पुराना है, बल्कि सफेद शिव लिंग होने के कारण यहां पर काशी और कैलाश की विशेष ऊर्जा विद्यमान रहती है. इस स्थान पर आने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. बाबा सिद्धेश्वर नाथ मंदिर में पूजा के बाद श्रद्धालुओं को विशेष प्रसाद वितरित किया जाता है.”मंदिर के संरक्षक ने बताया कि बाबा सिद्धेश्वर नाथ मंदिर में जो भी श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं और जल का अभिषेक करते हैं उनकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और लोग के रुके हुए काम भी पूरे होते हैं. बाबा सिद्धेश्वर नाथ मंदिर में सुल्तानपुर जिले के सिर्फ शहर के ही नहीं बल्कि गांव के रहने वाले श्रद्धालु भी दर्शन करने के लिए आते हैं और यहां शिवलिंग पर जल का अभिषेक करते हैं. इसके अलावा इस मंदिर प्रांगण में प्रत्येक वर्ष की सावन और शिवरात्रि को कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.इसके साथ ही शिवरात्रि के दिन भी श्रद्धालुओं के काफी भीड़ एकत्रित होती है. सावन के पहले सोमवार को सुल्तानपुर के प्रमुख शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी जाती है. रामलीला मैदान स्थित सिद्धेश्वर नाथ मंदिर में अलसुबह से ही भक्तों की कतार लग जाती है. अगर आप भी बाबा सिद्धेश्वर नाथ मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं तो आपको सुल्तानपुर शहर के रामलीला मैदान आना होगा. यहां पर आपको भगवान भोलेनाथ का दर्शन प्राप्त हो जाएगा. यह मंदिर चारों तरफ से गहन आबादी से घिरा हुआ है. जिससे मंदिर में श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ जुटती है. आसपास वृक्ष होने से गर्मी के मौसम में लोगों को सुखद अनुभव प्राप्त होता है.homefamily-and-welfareक्यों खास है 150 साल पुराना ये शिव मंदिर?, देखिए अद्भुत तस्वीरें