Unique Cricket Record: मुथैया मुरलीधरन, वो गेंदबाज जिसके नाम जिसे हम फिरकी का जादूगर कहें तो हमें गुजेर नहीं होगा. उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 800 विकेट लेने का करिश्मा किया और ये महारिकॉर्ड की बराबरी आज तक कोई भी गेंदबाज नहीं कर पाया है. बॉलिंग का शायद ही कोई रिकॉर्ड मुरलीधरन से बचा हो, लेकिन हम आपको ऐसा एक रिकॉर्ड बताने जा रहे हैं जो मुरलीधरन सालों बाद भी हासिल नहीं कर पाए. लगभग 20 साल से इस रिकॉर्ड पर राज एक ही स्पिनर का है.
सालभर में लगाया विकेटों का अंबार
हम बात कर रहे हैं एक साल में सबसे ज्यादा विकेट लेने के रिकॉर्ड की. इस लिस्ट में मुरलीधरन दूसरे नंबर पर हैं. उन्होंने साल 2006 में महज 11 मैच की 21 पारियों में 90 विकेट झटक दिए थे. इस दौरान श्रीलंकाई दिग्गज का बेस्ट 8 विकेट लेकर 70 रन का रहा था. लेकिन इतने बेहतरीन आंकड़े हासिल करने के बावजूद मुरलीधरन इस मामले में नंबर-1 बनने में कामयाब नहीं हो सके.
किस गेंदबाज पर सजा ताज?
इस लिस्ट में पहले नंबर पर ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज शेन वॉर्न का है, जिन्होंने अपनी गेंदबाजी से विश्वभर में डंका बजाया. वह साल 2005 था जब वॉर्न बल्लेबाजों के काल बनकर मैदान में उतरते थे. उन्होंने इस साल 15 टेस्ट खेले और पूरी 30 पारियों में गेंदबाजी की. उन्होंने महज 2.92 की इकॉनोमी से 96 विकेट झटक दिए. बदकिस्मती से वॉर्न विकेटों के शतक से चूक गए, लेकिन इसके बावजूद उनके रिकॉर्ड को तोड़ना तो दूर अभी कोई बराबरी भी नहीं कर पाया है.
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टॉप-10 में कपिल देव
इस लिस्ट में टॉप -10 की बात करें तो एक भारतीय का नाम देखने को मिलता है. वह भारत की तरफ से एक कैलेंडर ईयर में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं. उन्होंने साल 1983 में 18 टेस्ट खेले थे जिसमें 75 विकेट लेने में कामयाब हुए. अभी तक कपिल के रिकॉर्ड को कोई भी भारतीय नहीं तोड़ पाया है.