Last Updated:July 28, 2025, 23:21 ISTFarming Tips: किसानों को अकसर टेंशन होती है फसल करें तो क्या, जिसमें कम लागत में हो अधिक मुनाफा. लेकिन अब यह टेंशन भूल जाइए क्योंकि अब 1 बीघा के खेत में लाखों रुपए की फायदा हो सकती है.कौशांबी. उत्तर प्रदेश सरकार किसानों के लिए तरह-तरह की योजनाएं दे रही है. ऐसी ही एक योजना जो किसानों को केले की फसल उत्पादन करने के लिए अनुदान दे रही है. सरकार किसानों को 50% अनुदान देकर केले की खेती करने की सलाह भी दे रही है. अनुदान लेने के लिए किसान सबसे पहले उद्यान विभाग की तरफ से पंजीकरण करना होता है. किसान के द्वारा खेतों में जितने पौधे का प्लांटेशन किया जाता है उसमें जितना भी खर्च आता है उसका 50% सरकार किसान को अनुदान भी दे रही है.
इस तरह से किसान को केले की खेती करने में परेशानियां भी नहीं होती है. केला एक ऐसा फल है जिसकी डिमांड साल भर रहती है. वहीं हर सीजन में आसानी से सही दामों में बिक्री हो जाती है. इसकी मांग हमेशा बनी रहती है. केले की खेती करने से किसान की आय में वृद्धि कर सकते है. जिससे परिवार का भी पालन पोषण सही से कर सकते हैं.
किसान केला की खेती अगर वैज्ञानिक तरीके से करें तो किसान अधिक से अधिक लाभ कमा सकता है. खासकर उत्तर प्रदेश राज्य में केले की खेती अधिक मात्रा में की जाती है. केले की खेती 15 महीने की होती है. जुलाई के महीने में ही केले के पौधों प्लांटेशन किये जाते हैं. पौधे का प्लांटेशन करने के लिए किसान चाहे तो पौधे की रोपाई कर सकता है, चाहे टिशु पौधा लगा सकता है या फिर किसान कंद के माध्यम से भी केले की खेती कर सकता है.
टीशु, या कंद को महाराष्ट्र से लाया जाता है. कौशांबी जिले के फरीदगंज गांव के रहने वाले जगदीश प्रसाद मौर्य जो घर से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर केले की खेती कर रहे हैं. जगदीश प्रसाद मौर्य 25 सालों से 15 बीघे मे केले की खेती लगातार करते चले आ रहे हैं. जिससे किसान को अधिक से अधिक लाभ भी हो रहा है. किसान जगदीश प्रसाद मौर्य केले की खेती से पहले यह प्राकृतिक खेती करते थे. जब प्राकृतिक खेती में किस को अधिक लाभ न होने के कारण उन्होंने केले की खेती करना अपनाया किसान जगदीश प्रसाद मौर्य केले की खेती से प्रतिवर्ष 10-15 लाख का मुनाफा कमाते हैं.
किसान जगदीश प्रसाद मौर्य ने बताया कि मैं 25 वर्षों से केले की खेती कर रहा हूं. केले की खेती करने के लिए जुलाई के महीने में ही केले के पौधे की रोपाई की जाती है. किसान चाहे तो टिशु का पौधा लगा सकता है या फिर कंद इस्तेमाल करके केले की खेती तैयार कर सकता है. केले की खेती करने के लिए टिशु का पौधा या कंद को महाराष्ट्र से मनाया जाता है. टिशु के पौधे को जुलाई के महीने में ही रोपाई की जाती है फिर उसके बाद खेतों पर निराई गुड़ाई और रासायनिक खाद्य कंपोजिट खाद का इस्तेमाल करके पौधे को धीरे-धीरे तैयार किया जाता है. उसके बाद केले के पौधों को तैयार होने के लिए कम से कम 12 से 15 महीने लगते हैं. फिर उसके बाद केले की कटाई की जाती है.
केले के फल को बेचने के लिए किसान को खेतों से बाहर ले जाने की जरूरत नहीं पड़ती है. यह एक ऐसा फल है जिसे व्यापारी खेतों पर पहुंचकर खुद कटाई करते हैं. उसके बाद मलिक के द्वारा वजन किया जाता है. जगदीश प्रसाद मौर्य ने बताया कि अगर बात करें केले की खेती से मुनाफे की तो प्रत्येक बीघा में काम से कम दो से तीन लाख का मुनाफा हो जाता है. बात करें लागत की तो एक बीघा खेत में काम से कम 70 से 75 हजार की लागत होती है. इस तरह से 14 बीघा में केले की खेती की है. किसान प्रतिवर्ष 10 से 15 लाख की कमाई करते हैं.अभिजीत चौहानन्यूज18 हिंदी डिजिटल में कार्यरत. वेब स्टोरी और AI आधारित कंटेंट में रूचि. राजनीति, क्राइम, मनोरंजन से जुड़ी खबरों को लिखने में रूचि.न्यूज18 हिंदी डिजिटल में कार्यरत. वेब स्टोरी और AI आधारित कंटेंट में रूचि. राजनीति, क्राइम, मनोरंजन से जुड़ी खबरों को लिखने में रूचि. Location :Kaushambi,Uttar Pradeshhomeagricultureकेले की खेती से किसान कर रहे हैं लाखों की कमाई, हो रहे मालामाल