प्रयागराज. प्रयागराज विकास प्राधिकरण में एक रिटायर कर्मचारी को 11 माह तक लाखों के वेतन भुगतान का मामला सामने आने के बाद हड़कंप मचा हुआ है. इस मामले के संज्ञान में आने के बाद वेतन बनाने वाले 2 कर्मचारियों पर गाज गिरी है. लिपिक आशुतोष तिवारी और लेखा लिपिक नीरज प्रजापति को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है. जबकि इस गंभीर प्रकरण में तीन अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है.
पीडीए के जॉइंट सेक्रेट्री अजय कुमार, फाइनेंस ऑफिसर पी के सिंह और वरिष्ठ लिपिक अधिष्ठान महेश प्रसाद को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. तीनों अधिकारियों से पीडीए ने जवाब तलब किया है. इसके साथ ही पीडीए के अधिकारियों ने गलत तरीके से 11 माह के वेतन भुगतान की एक हफ्ते में रिकवरी करने का आदेश भी दिया है.गौरतलब है कि प्रयागराज विकास प्राधिकरण में सहायक संपत्ति अधिकारी के पद पर कार्यरत रमेश सिंह अप्रैल 2021 में सेवानिवृत्त हो गए थे. लेकिन उसके बावजूद उनके खाते में लगातार वेतन जाता रहा. इस बात की जानकारी न ही उन्होंने प्राधिकरण के अधिकारियों को दी और न ही 11 माह तक यह मामला ही पकड़ में आया. नए वित्तीय वर्ष में जब ऑडिट कराया गया तब कहीं जाकर यह पूरा मामला संज्ञान में आया.
इसके बाद अधिकारियों के भी हाथ पांव फूल गए. आनन-फानन में अधिकारियों ने दो कर्मचारियों को सस्पेंड कर मामले को दबाने की कोशिश की. इसके अलावा तीन अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी कर दिया गया. हालांकि इस मामले में कई अन्य अधिकारियों.और कर्मचारियों की भी मिलीभगत होने की आशंका जताई जा रही है. लेकिन अभी किसी अन्य अधिकारी और कर्मचारी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. इस मामले में पीडीए के आला अधिकारी भी साफ तौर पर कुछ भी बयान देने से बचते नजर आ रहे हैं.
इस पूरे मामले में चौंकाने वाली बात ये रही कि रिटायर हो चुके रमेश सिंह भी 11 माह तक वेतन लगातार लेते रहे लेकिन उन्होंने किसी को भी इस बारे में जानकारी नहीं दी. जबकि हर महीने तय तारीख को उनके बैंक खाते में वेतन आता रहा. अब पूरे मामले की जांच की जा रही है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: UP newsFIRST PUBLISHED : June 07, 2022, 17:04 IST
Source link
14 Panicked Voters End Lives Over SIR in Bengal
Kolkata: The Election Commission’s Special Intensive Revision (SIR) to clean up the voters’ list ahead of the next…

