जवानी में रिटायरमेंट का सपना देखते हैं तो लगता है कितने सुख के दिन होंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि जल्दी रिटायर होना सेहत के लिए भी नुकसानदायक हो सकता है? जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा! आज हम आपको बताएंगे 101 साल के एक पूर्व CEO की कहानी, जिन्होंने न सिर्फ इतनी लंबी पाई बल्कि जल्दी रिटायरमेंट को भी गलत बताया है.
बिजनेस इंसाइडर की एक रिपोर्ट के अनुसार, न्यूयॉर्क में रहने वाले आई. रॉय कोहेन 101 साल के हैं और आज भी स्वस्थ हैं. पूर्व में वह एक बड़ी कंपनी के सीईओ भी रह चुके हैं और उनका मानना है कि जल्दी रिटायरमेंट लेना आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है.  हाल ही में कोहेन ने अपनी लंबी उम्र का सीक्रेट शेयर किया. कोहेन ने एक दवा कंपनी से अपने करियर की शुरुआत की और धीरे-धीरे तरक्की करते हुए सीईओ बन गए. 6 दशक काम करने के बाद 81 साल की उम्र में उन्होंने रिटायरमेंट लिया.लंबी उम्र का राज: महत्वाकांक्षा और रिश्तेकोहेन का मानना है कि महत्वाकांक्षा और रिश्तों में मेहनत करना लंबी उम्र का अहम राज है. वह कहते हैं कि मैं शून्य से सीईओ बन गया. उन्होंने अपने करियर में जोखिम लिए. उनका कहना है कि करियर और जीवन में सफलता पाने के लिए कंफर्ट जोन से बाहर निकलना जरूरी है. साथ ही उन्होंने बताया कि बचपन में सात भाई-बहनों के साथ रहने से उन्हें रिश्तों को संभालना सीखा. उन्होंने अपनी पहली शादी के टूटने के बाद दूसरी शादी की और अपनी पत्नी जोआन के साथ खुशहाल जीवन व्यतीत किया. उनका मानना है कि रिश्तों में मेहनत करनी पड़ती है और एक-दूसरे की बात सुनना जरूरी होता है.
हेल्दी आदतें: मेडिटेरियन डाइट और व्यायामकोहेन मानते हैं कि आनुवंशिकता (heredity) का भी लंबी उम्र में  योगदान होता है, लेकिन उन्होंने जीवनभर कुछ सरल नियमों का पालन किया है. वह मेडिटेरियन डाइट के हिमायती हैं, जिसमें प्रोसेस्ड और मांस से परहेज करते हुए ताजी मछली, सब्जियां और जैतून का तेल शामिल होता है. नाश्ते में वह फूलगोभी, गाजर या शिमला मिर्च खाते हैं. व्यायाम के लिए वह रोजाना सुबह बिस्तर पर बैठकर 20 मिनट पैरों की कसरत करते हैं और घर में ही टहलते हैं.
दिमाग को भी रखें एक्टिवकोहेन का मानना है कि उम्र के साथ दिमाग को भी एक्टिव रखना जरूरी है. वह अपना टैक्स रिटर्न तैयार करने के लिए खुद ही कागजातों को व्यवस्थित करते हैं. साथ ही घर के रख-रखाव जैसे कामों में भी लगे रहते हैं. उनका कहना है कि व्यस्त रहने से उन्हें खुशी मिलती है. कोहेन यह भी कहते हैं कि उम्र के साथ पॉजिटिव दृष्टिकोण बनाए रखना महत्वपूर्ण है. छोटी-छोटी बातों को दिल पर नहीं लेना चाहिए और गुस्से या जलन से बचना चाहिए. आध्यात्मिकता ने भी उन्हें जीवन में सही दिशा दी है. उनका मानना है कि भले ही कोई संगठित धर्म न हो, लेकिन यह जानने की कोशिश जरूर करनी चाहिए कि दुनिया कैसे चलती है.



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