1000 किलो का घंटा, आज भी सुनाई देती है जिसकी आवाज! मिर्जापुर की ये ऐतिहासिक धरोहर है अनोखी

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1000 किलो का घंटा, आज भी सुनाई देती है जिसकी आवाज! मिर्जापुर की ऐतिहासिक धरोहर

Last Updated:August 16, 2025, 23:21 ISTMirzapur News: मिर्जापुर का ऐतिहासिक घंटाघर 18वीं सदी में अंग्रेजों द्वारा बनवाया गया था. लाल बलुआ पत्थरों से बना यह भवन दिन में लाल और रात में सात रंगों में जगमगाता है.मिर्जापुर: मिर्जापुर शहर में स्थित ऐतिहासिक घंटाघर अपने अनोखे आकर्षण के लिए जाना जाता है. दिन में लाल रंग और रात में सात रंगों में जगमगाता यह भवन शहरवासियों और पर्यटकों के लिए खास आकर्षण का केंद्र बन चुका है. 18वीं सदी में अंग्रेजों द्वारा बनवाया गया यह भवन अपनी स्थापत्य कला और सौंदर्य के कारण आज भी आधुनिक इमारतों को पीछे छोड़ देता है.

मिर्जापुर के घंटाघर भवन में एक हजार किलो वजन का विशाल घंटा लगा हुआ है. अंग्रेजों के समय में इस घंटा के माध्यम से समय का आंकलन किया जाता था. शहर के मध्य में स्थित यह भवन सिर्फ व्यवसायिक केंद्र नहीं बल्कि अंग्रेजों के प्रशासनिक नियंत्रण का भी हिस्सा रहा है. आज इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया है और अभी भी घंटे की आवाज सुनाई देती है, जो इसके ऐतिहासिक महत्व को दर्शाती है.

मिर्जापुर की शान है ये घड़ी
घंटाघर का निर्माण 1891 ईस्वी में हुआ था और इसमें लाल बलुआ पत्थरों का प्रयोग किया गया है. भवन की दीवारों में आय-व्यय का ब्यौरा पत्थरों में खुदा हुआ है. मीनार में लगी घड़ी लंदन के मेसर्स मियर्स स्टैन बैंक द्वारा लगवाई गई थी और यह गुरुत्वाकर्षण से संचालित होती थी. घड़ी का कुल वजन लगभग 1000 किलोग्राम है, जिसमें घंटा और पेंडुलम शामिल हैं. यह घड़ी आज भी मिर्जापुर के लोगों की शान है और इसकी आवाज दूर-दूर तक सुनाई देती है.

स्थानीय पर्यटक प्रतीक पांडेय कहते हैं कि यह सिर्फ घंटाघर नहीं बल्कि मिर्जापुर शहर का दिल है. अद्भुत नक्काशी और भव्य घड़ी इसे और भी खास बनाती है. आज यह पर्यटन का बड़ा केंद्र बन चुका है, जहां हर दिन बड़ी संख्या में लोग घूमने आते हैं. भवन की सुरक्षा और सुव्यवस्था ऐसी है कि पर्यटकों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता.

पर्यटन और सांस्कृतिक महत्वमिर्जापुर का यह ऐतिहासिक घंटाघर न केवल स्थानीय लोगों के लिए गर्व का विषय है, बल्कि बाहर से आने वाले पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का प्रमुख केंद्र है. भव्यता, ऐतिहासिकता और संस्कृति का मेल इसे विशेष बनाता है. यदि आप मिर्जापुर घूमने का प्लान बना रहे हैं तो इस घंटाघर की यात्रा को अपनी सूची में जरूर शामिल करें.न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।Location :Mirzapur,Uttar PradeshFirst Published :August 16, 2025, 23:21 ISThomeuttar-pradesh1000 किलो का घंटा, आज भी सुनाई देती है जिसकी आवाज! मिर्जापुर की ऐतिहासिक धरोहर

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