उत्तर प्रदेश के बरेली रेंज में 100 दिनों में हुए सड़क हादसों ने दिल को झकझोर कर रख दिया है। इस दौरान 400 से अधिक लोगों की जान चली गई है, जिनमें से 70 फ़ीसदी 30 साल से कम उम्र के नौजवान थे। यह घटनाएं बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर और बदायूं जिलों में हुई हैं।
इन हादसों ने कई परिवारों को निराश और दुखी कर दिया है। कई परिवारों के चिराग हमेशा के लिए बुझ गए हैं। अब पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने कमर कस ली है और किसी भी कीमत पर नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे और अन्य सड़कों पर होने वाले सड़क हादसों को शून्य करने के लिए काम कर रहे हैं।
पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों का दावा है कि हादसों को रोकने और घायलों की जान बचाने के लिए हम सभी की जिम्मेदारी है। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचने की अपील की है और घायलों को गोल्डन आवर में अस्पताल पहुंचने वाले को राहवीर का दर्जा देकर उसे 25 हजार रुपए से सम्मानित करने का फैसला किया है।
सरकार ने भी सड़क हादसों को रोकने के लिए हर संभव कोशिश में जुटी हुई है। लेकिन इन सड़क दुर्घटनाओं और दुर्घटनाओं के दौरान होने वाली मौतों पर लगाम कैसे लगे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ हम सभी को इसके लिए आगे आना होगा।
बरेली रेंज के चारों जिलों में हुए सड़क हादसों ने दिल को झकझोर कर रख दिया है। जहां बीते 100 दिन में 400 से ज्यादा लोगों ने सड़क हादसों के दौरान अपनी जान गवाई है, जिसमें 70 फ़ीसदी से ज्यादा 30 साल से कम उम्र के जान गंवाने वाले नौजवान हैं। यह घटनाएं बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर और बदायूं जिलों में हुई हैं।
इन हादसों ने कई परिवारों को निराश और दुखी कर दिया है। कई परिवारों के चिराग हमेशा के लिए बुझ गए हैं। अब पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने कमर कस ली है और किसी भी कीमत पर नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे और अन्य सड़कों पर होने वाले सड़क हादसों को शून्य करने के लिए काम कर रहे हैं।
पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों का दावा है कि हादसों को रोकने और घायलों की जान बचाने के लिए हम सभी की जिम्मेदारी है। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचने की अपील की है और घायलों को गोल्डन आवर में अस्पताल पहुंचने वाले को राहवीर का दर्जा देकर उसे 25 हजार रुपए से सम्मानित करने का फैसला किया है।
सरकार ने भी सड़क हादसों को रोकने के लिए हर संभव कोशिश में जुटी हुई है। लेकिन इन सड़क दुर्घटनाओं और दुर्घटनाओं के दौरान होने वाली मौतों पर लगाम कैसे लगे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ हम सभी को इसके लिए आगे आना होगा।
अब समय आ गया है कि हम सभी मिलकर सड़क हादसों को रोकने और घायलों की जान बचाने के लिए काम करें। हमें अपने साथ-साथ अपने परिवारों और समाज के लिए भी जिम्मेदारी लेनी होगी।

